संदेश

अगस्त 9, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

प्राइड ले लो प्राइड। ... (लघु कथा)

' प्राइड ले लो प्राइड। सवा किलो प्राइड।...' हरकारा चिल्ला रहा था। दिमाग घूमा,  अरे!!  प्राइड कितना मुश्किल होता है आम जिंदगी में, लाख जतन करते है तब एक नौकरी मिलती है, मन प्राउडी होने को होता है, तभी पता लगता है कि सा.. पड़ोसी तो बहुत बड़ी नौकरी पा गया। बस सब हवा निकल जाती है, प्राइड महसूस ही नही हो पाता।  इस सब धुंदली सी विचारधारा में बह ही रहा था कि हरकारे की आवाज ने फिर ध्यान खींच लिया।  हरकारा शायद कोई फिलॉस्फर ही था।  वो चिल्ला रहा था.. '..एक बावले ने कुछ एक्सपेरिमेंट करे थे सच्चाई पर। वो लोगो को और इस देश को दुनिया जहान की बीमारियां दे गया । लोग सारी जिंदगी मेहनत करते, बच्चों को पढ़ाते, घर बनाते, जब सब चीजों से मुक्त हो जाते, तब थोड़ा बहुत प्राइड का एहसास कर पाते।  वो भी हल्के वाला।  ऐसा जो किसी को अखरे नही।  क्यों??  क्योंकि उस बावले के प्रभाव में लोग, सत्य की खोज, प्रेम और भाईचारे पर बहुत जोर देते थे।  अब आप ही बताओ भला प्राइड इन सब बातों के बीच कैसे महसूस हो सकता है। प्राइड तो वो अंतिम सुख है जो हमे विशेष बनाता है, सबसे अलग, सबसे नि...

राष्ट्रभक्ति की सस्ती व्याख्या और लुटेरों की मौज

'राष्ट्रभगत' सुनते ही कौन जहन में आता है। शायद भगत सिंह, राजगुरु, बिस्मिल, और चंद्रशेखर सरीखे बहुत सारे क्रांतिकारी जिन्होंने देश की खातिर घर बार तो छोड़ा ही, प्राण भी त्याग दिए। अर्थात, सर्वस्त्र न्योंछावर कर दिया देश पर। आम आदमी अपने जीवन में ऐसे देश प्रेम की (देश की खातिर सब छोड़ देने की) शायद कल्पना भी न कर पाए , पर ये सच है कि वो इन देशभगतो के प्रति कृतज्ञता दिखा कर अपनी राष्ट्रभगति की भावना की अभिव्यक्ति करता है।  राष्ट्र के झंडे और गीतों का सम्मान भी इसी का हिस्सा है। वो (आम आदमी) जो भी करता है  पूरे मन से करता है। परन्तु, उसे कभी ये गुमान नही होता कि वो इन महान क्रांतिकारियों सरीखा देशभक्त है। अब, एक नया व्याख्याकारी विचार पटल पर आता है जो आम आदमी को बताता है कि शहीदों को नमन, राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान, और राष्ट्रीय गीतों का गायन सब मुकम्मल (उच्च कोटि का) देश प्रेम है। ये सब आम आदमी को खुश करता है कि ' चलो हमारे राष्ट्र प्रेम को भी मान्यता मिली' । वैसे भी, चूंकि आज देश गुलाम नही है ऐसे बड़े वाले देशप्रेम (क्रांतिकारियों सरीखे सर्वस्त्र न्योंछावर कर देने वाले) की न आ...