आज के दौर के एक्सपेरिमेंट

बाडा खुला छोड़ दो, जानवर प्राकृतिक रूप से बाहर आएंगे ही और आपस मे लड़ेंगे भी।

पर

बाडा खुला छोड़ने वाले के बारे में कभी कोई बात नही होनी चाहिए।

बस

बाहर आ गए जानवर को बहुत जोर 2 से पीटना चाहिए और जोर 2 से बताना चाहिए कि जानवर ने कानून तोड़ा है। 

दूसरा, जोरदार घोषणा करनी चाहिए कि जिस बाड़े के जानवर बाहर आये है  वो बड़े घृणित है।

ऐसा सब करने से दूसरे बाड़ो में रहने वाले जानवरों को बहुत प्रभावित किया जा सकता है। 

1. मालिक जानवरों के नियमित व्यवहार की कितनी चिंता करता है बाड़े में रहने वाले जानवरों में ये अहसास बढ़ेगा। और इससे जानवरों में मालिक के प्रति श्रद्धा बढ़ेगी।

2. जानवर आपस मे घृणा करेंगे तो मालिक को उन्हें मैनेज करने में आसानी होगी। मालिक सिद्धान्तों की परिधि से मुक्त हो जाएगा और जब चाहे जिसे काट सकेगा।

3.जानवरों को अहसास होगा कि  मालिक उनके जीवन के लिए अपरिहार्य है। बिना मालिक के वो जीवित नही रह सकते। अतः चाहे मालिक कुछ भी करे जानवर कृतज्ञ रहेगा।

अगर ये एक्सपेरिमेंट बार 2 घटित हो तो इसके गुणात्मक प्रभाव होते है।

एक्सपेरिमेंट की सबसे महत्वपूर्ण शर्त बस यही है कि जानवरों को कभी ये पता नही लगना चाहिए कि बाडा जानबूझ कर कमजोर किया जाता है या खुला छोड़ा जाता है।

🙏🏽

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

निजी वाहनों पे 'सरकार': अव्यवस्था के साइन बोर्ड

सकारात्मक बनाम नकारात्मक: 'सत्य' ही एकमेव निर्धारक

अवैध निर्माण: राजकाज का बेहतरीन औजार