लोकतंत्र और राजतंत्र

 राजा के नाम का जोरदार जयकारा लगाने की आजादी राजतंत्र में सदा रही है।

राजा के नाम का जोरदार जयकारा लगाने की आजादी लोकतंत्र  में भी है।

पर, 

 फिर भिन्नता क्या है।

 राजा की आलोचना करने की आजादी ही अकेली वो बात है जो किसी तंत्र को लोकतंत्र बनाती है।

अतः, 

अगर आप लोकतांत्रिक देश के नागरिक है तो सरकार की नीतियों का बेबाक आंकलन करते रहिए और लोक अहितकारी नीतियों का विरोध भी।

अगर लोकतंत्र की आत्मा को जिंदा रखना है तो राजा के क्रियाकलापों की आलोचनात्मक व्याख्या करने को सदा तत्पर रहिए।



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